चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ के गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤• ऋषिà¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ दयाल मà¥à¤¨à¤¿ आरà¥à¤¯
Author
Manmohan Kumar AryaDate
17-Mar-2016Category
गीतLanguage
HindiTotal Views
481Total Comments
0Uploader
UmeshUpload Date
23-Mar-2016Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- à¤à¤—वान आरयों को पहली लगन लगा दे
- उठो दयानंद के सिपाहियों
- वैदिक धरम सतयारथ परकाश
- सवामी शरदधाननद का महान वयकति और कारय à¤à¤¾à¤µà¥€ पीढि़यों के लि परेरणा
- दया याचिका का औचितय कया था
Top Articles by this Author
- ईशवर
- बौदध-जैनमत, सवामी शंकराचारय और महरषि दयाननद के कारय
- अजञान मिशरित धारमिक मानयता
- यदि आरय समाज सथापित न होता तो कया होता ?
- ईशवर व ऋषियों के परतिनिधि व योगयतम उततराधिकारी महरषि दयाननद सरसवती
शà¥à¤°à¥€ दयाल मà¥à¤¨à¤¿ आरà¥à¤¯ महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ की जनà¥à¤® à¤à¥‚मि टंकारा में जनà¥à¤®à¥‡à¤‚ हैं और वहीं निवास करते हैं। 28 दिसमà¥à¤¬à¤°, 1934 को टंकारा में आपका जनà¥à¤® हà¥à¤†à¥¤ आपके पिता शà¥à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤µà¤œà¥€à¤à¤¾à¤ˆ आरà¥à¤¯ दरà¥à¤œà¥€ का कारà¥à¤¯ करते थे। आपने à¤à¥€ बचपन में दरà¥à¤œà¥€ का कारà¥à¤¯ किया। सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ व पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ ने आपको इतना ऊंचा उठाया कि आज आप आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ व साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤¥à¤® पंकà¥à¤¤à¤¿ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वैदिक साहितà¥à¤¯ और आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सनीय सेवा की है। हमें इस वरà¥à¤· महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ की जनà¥à¤® à¤à¥‚मि टंकारा पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित ‘‘ऋषि बोधोतà¥à¤¸à¤µ” आयोजन में à¤à¤• दरà¥à¤¶à¤• वा शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾ के रूप में à¤à¤¾à¤— लेने का अवसर मिला। इस यातà¥à¤°à¤¾ में गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पौंधा देहरादून के आचारà¥à¤¯ डा. धननà¥à¤œà¤¯ à¤à¤µà¤‚ अधिषà¥à¤ ाता आचारà¥à¤¯ चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤à¥‚षण शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ à¤à¥€ टंकारा में हमारे साथ रहे। यह हमारा सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ था कि 6 मारà¥à¤š 2016 को हमें टंकारा की यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में यजà¥à¤ž के समापन के अवसर पर शà¥à¤°à¥€ दयाल मà¥à¤¨à¤¿ आरà¥à¤¯ जी के दरà¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤ व उनके वचनों को शà¥à¤°à¤µà¤£ करने का अवसर मिला। आपने महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ की जीवनी पर अपनी à¤à¤• खोजपूरà¥à¤£ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ‘‘ऋषि दयाननà¥à¤¦ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• जीवनी” हमें à¤à¥‡à¤‚ट की। इस अवसर पर परसà¥à¤ªà¤° कà¥à¤› बातें हà¥à¤ˆà¥¤ इस वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª में शà¥à¤°à¥€ धनजंय à¤à¤µà¤‚ चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤à¥‚षण शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी के अतिरिकà¥à¤¤ आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ डा. महेश विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार à¤à¤µà¤‚ पं. सतà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² पथिक जी हमारे साथ थे। आपने हम सà¤à¥€ को सायंकाल अपने निवास पर आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया और अपने पà¥à¤¤à¥à¤° आदि को वाहन सहित à¤à¥‡à¤œ दिया। हम सà¤à¥€ à¤à¤• साथ सायं उनके निवास पर पहà¥à¤‚चे जहां लगà¤à¤— आधे घंटे से कà¥à¤› अधिक समय रहकर उनके विचारों को सà¥à¤¨à¤¾à¥¤ इस वारà¥à¤¤à¤¾ में आपने अपने अतीत के जीवन, कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ व टंकारा नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ आदि बातों पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला। आपने अपनी जीवन यातà¥à¤°à¤¾ à¤à¤• बहà¥à¤¤ साधारण वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के रूप में, à¤à¤• दरà¥à¤œà¥€ का कारà¥à¤¯ करने से, आरमà¥à¤ की और सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ व पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ के बल पर गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ साहितà¥à¤¯ जिसमें चार वेदों व अनेक आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ है, रचकर व उसे पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ कराकर पà¥à¤°à¤¶à¤‚सनीय कारà¥à¤¯ किया है। अनà¥à¤¯ अनेक गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ à¤à¥€ आपकी लेखनी से पà¥à¤°à¤¸à¥‚त व सृजित हà¥à¤ हैं। आरà¥à¤¯ समाज, टंकारा को à¤à¥€ आपने अपनी चिकितà¥à¤¸à¥€à¤¯ सेवायें दी हैं और अब à¤à¥€ देते हैं। शिवरातà¥à¤°à¤¿ का दिन 7 मारà¥à¤š, 2016 टंकारा आरà¥à¤¯ समाज का सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ दिवस होता है। इस अवसर पर आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में à¤à¤• à¤à¤µà¥à¤¯ समारोह हà¥à¤† जिसमें शà¥à¤°à¥€ दयालमà¥à¤¨à¤¿ आरà¥à¤¯ à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¤ और वहां संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ à¤à¥€ किया। टंकारा में महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ के बाद जनà¥à¤®à¥‡à¤‚ वैदिक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में आप अगà¥à¤°à¤£à¥€à¤¯ हैं। आपका संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ परिचय पाठकों के जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहे हैं।
शà¥à¤°à¥€ दयाल मà¥à¤¨à¤¿ आरà¥à¤¯ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ में आरà¥à¤¯ साहितà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤£à¥‡à¤¤à¤¾ तथा अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤• हैं। आपका जनà¥à¤® 28 दिसमà¥à¤¬à¤° 1934 को ऋषि दयाननà¥à¤¦ की जनà¥à¤®à¤à¥‚मि टंकारा में शà¥à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤µà¤œà¥€à¤à¤¾à¤ˆ के यहां हà¥à¤†à¥¤ इनका पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤£ साधारण सà¥à¤¤à¤° का ही हà¥à¤†à¥¤ बहà¥à¤¤ बाद में आपने आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किया और आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ की उपाधि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। आप वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक जामनगर के आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• व कायचिकितà¥à¤¸à¤¾ (मेडिसिन) विà¤à¤¾à¤— के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· रहे। आपने महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ के पूना-पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨, आतà¥à¤®à¤•à¤¥à¤¾ à¤à¤µà¤‚ आननà¥à¤¦ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के कई गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ किया। आपने अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ कर चारों वेदों के à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ का गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ किया जिसका पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ ‘वानपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥ साधक आशà¥à¤°à¤®, रोजड़-गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤’ ने किया है। ‘महाà¤à¤¾à¤°à¤¤-थी महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦’, ‘सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ नो तेजधाराओ’ तथा ‘सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦’ (जीवन चरितà¥à¤°) आपकी सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ कृतियां हैं। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ के जीवन निषयक अनà¥à¤µà¥‡à¤·à¤£ में शà¥à¤°à¥€ दयाल जी à¤à¤¾à¤ˆ की विशेष अà¤à¤¿à¤°à¥à¤šà¤¿ रही है। आपने महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ के टंकारा-तà¥à¤¯à¤¾à¤— और उसके पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ की घटनाओं पर पूरà¥à¤µà¤¾à¤ªà¤° विचार कर à¤à¤• लेखमाला ‘आरà¥à¤¯à¤œà¤—त॒ तथा ‘वेदवाणी’ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ की थी, जिसमें शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ शरà¥à¤®à¤¾, मेधारà¥à¤¥à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आदि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कतिपय उपपतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सपà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ निराकरण किया गया है। आपने आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ पर 18 गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया है जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦-विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ के रूप में मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। मारà¥à¤š 2015 में गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ (जामनगर) ने आपको डी.लिटà¥. (आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦) की मानदॠउपाधि पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। शà¥à¤°à¥€ दयाल जी à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¤• रोचक गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ वकà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ हैं और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर ऋषि दयाननà¥à¤¦ विषयक वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ दिठहैं। अनेक संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ दयाल जी à¤à¤¾à¤ˆ की योग में à¤à¥€ रà¥à¤šà¤¿ रही है और कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सतà¥à¤¯à¤ªà¤¤à¤¿ जी के सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में रहकर आप योग साधना करते रहे हैं। गत कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से आपका सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ ठीक नहीं रहता है फिर à¤à¥€ आप अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में यथासामथà¥à¤°à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤ रहते ही हैं। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में आप टंकारा में वानपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥ जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ कर रहे हैं। आपका वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ संमà¥à¤ªà¤°à¥à¤• सूतà¥à¤°, शà¥à¤°à¥€ दयाल मà¥à¤¨à¤¿ आरà¥à¤¯, ‘पà¥à¤°à¤£à¤µ’, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ सोसाइटी, टंकारा, जिला मौरवी, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ है।
à¤à¤¸à¥‡ शानदार जीवन व निषà¥à¤•à¤²à¤‚क चरितà¥à¤° को पाकर आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ धनà¥à¤¯ है। चारों वेदों का गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ आपका पà¥à¤°à¤®à¥à¤– यशसà¥à¤µà¥€ कारà¥à¤¯ है। इसके कारण आप सदा अमर रहेंगे। आपके सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥, सà¥à¤–ी व दीरà¥à¤˜ जीवन के लिठहमारी ईशà¥à¤µà¤° से हारà¥à¤¦à¤¿à¤• कामना व पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ है।
ALL COMMENTS (0)